कांग्रेस ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह की संसद और पुलवामा हमले में भूमिका को लेकर सवाल उठाए हैं और पूछा कि क्या देविंदर बड़ी साजिश का मात्र एक मोहरा है। पुलिस ने शनिवार को दविंदर को दो हिजबुल मुजाहिदीन आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया गया है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि दविंदर सिंह कौन है? 2001 संसद हमले में उसकी क्या भूमिका थी? पुलवामा हमले में उसका क्या रोल था, जहां वह डिप्टी एसपी डीआर था? क्या वह खुद अपनी कार में हिजबुल आतंकियों को ले जा रहा था या वह मात्र एक मोहरा है, मुख्य साजिशकर्ता कोई और है? ये एक बड़ी साजिश का हिस्सा है?
आपको बता दें कि हिजबुल कमांडर नवीद बाबू के साथ पकड़े गए डीएसपी देविंदर सिंह को सोमवार को निलंबित कर दिया गया है। पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे के बाद दूसरी बार उसके घर की तलाशी ली गई। पता चला कि उसने तीन आतंकियों को अपने घर ठहराया था। उसका घर बादामीबाग स्थित सेना की 15वीं कोर मुख्यालय के बगल में है। इसके साथ ही श्रीनगर एयरपोर्ट स्थित उसके कार्यालय को भी सील कर दिया गया है, जहां वह एंटी हाइजैकिंग स्कवॉड में तैनात था।
पूछताछ में पता चला है कि हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर नवीद बाबू तथा अल्ताफ को लेकर शुक्रवार को वकील इरफान डीएसपी के घर पहुंचा था। इरफान आतंकी संगठनों के लिए ओजीडब्ल्यू के तौर पर काम करता है। मीर बाजार इलाके में आतंकियों के साथ पकड़े जाने के दिन डीएसपी ड्यूटी से गैरहाजिर था।
उसके एयरपोर्ट स्थित दफ्तर को इसलिए सील किया गया है, ताकि सबूतों से किसी प्रकार का छेड़छाड़ न की जा सके। पूछताछ में हुए खुलासे के बाद सोमवार को उसके श्रीनगर स्थित आवास की दोबारा तलाशी ली गई। यहां से कुछ अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं। पूरे मामले से जुड़ी अहम कड़ियां तलाशने के लिए एक दर्जन जांच टीमें बनाई गई हैं। टीमें कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में जांच कर रही हैं। एक टीम स्थायी तौर पर शोपियां में डेरा डाले हुए है।
सूत्रों ने बताया कि डीएसपी को एसपी पद पर प्रोन्नत करने की सिफारिश की गई थी। ताजा मामला सामने आने के बाद अब उनका वीरता पदक भी वापस लिया जा सकता है। इस पूरे मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंपी जा सकती है। डीएसपी से आईबी और रॉ समेत कई एजेंसियों ने पूछताछ की है।